Tuesday, June 29, 2010

कुछ हाइकु कविताये

(१) पानी बरसा
महक उठी मिटटी
हरी हुयी धरा |

(२) शौर्य  पर्याय
पूछ लिया बच्चे से
बोला भारत|

(३) कल फिर से
मर गया है भूखा
कहाँ है दानी?

(४) सूर्य निकला
फिर कमल खिले
धरा बौरायी|

(५) हुआ अँधेरा
धरा पे छाये व्योम
यादों पे जुल्फें |

(६) नेता आये
तोरण द्वार बंधे
बरसे वादे|

(७) बसंत आया
गुलशन महके
पंक्षी  चहके|

(८) तन बिसरा
मन भी भूल गया
तू जब आया |

(९) रिक्शे वाले को
गाली दी सवारी ने
गुस्सा  आया|

(१०) बोलो बोलो तो
अरे कुछ बोलो तो
बोला जाने दो |

7 comments:

आपके आशीर्वचन हमारे लिए... विश्वाश मानिए हमे बहुत ताक़त मिलती आपकी टिप्पणियो से...!!