Saturday, February 12, 2011

अथ राउल-मौनमोहन संवाद आफ्टर मिस्त्र क्रांति

राउल बाबा मौनमोहन सिंह से, " आप जानते है आज रात भर मम्मी परेशान थी ..उन्हें ठीक से नींद भी नहीं आयी "
 
मौनमोहन, "अरे बाबा, क्या हुआ ...क्या परेशानी थी उन्हें  ?"
 
राउल बाबा," परेशानी कुछ खास नहीं पर कल जबसे होस्नी मुबारक के गद्दी छोड़कर भाग जाने कि खबर सुनी है तब से मम्मी कुछ परेशान सी है !"
 
मौनमोहन, "अरे बाबा इसमे कौन सी परेशानी की बात है ...वो तो मिस्त्र था कोई भारत थोड़े ही जहाँ क्रांति हुयी है! ख्वामख्वां परेशान है ,मैडम जी  ! हम बात करेंगे उनसे ! "
 
राउल, " अरे यही तो परेशानी की बात है ...वो कह रही थी कि अगर कल भारत में भी ऐसे ही जनता का आक्रोश उबल पड़ा तो हमारा क्या हाल होगा !"
 
मौनमोहन. "आईला, ये तो मैंने सोंचा ही नहीं ...! पर बाबा इसमे मैडम और आपके परेशान होने की क्या बात है ...परेशान तो मुझे होना चाहिए न ?!
 
राउल, "अच्छा तो हमारे लिए ये परेशानी की बात कैसे नहीं है ? और आपके लिए ये परेशानी की बात कैसे है ... बताओ तो मुझे...? "
 
मौनमोहन, " अरे सीधी सी बात है बाबा....अगर ऐसा होता भी है तो आप अपने मामा के घर और आपकी मम्मी अपने मायके में चली जाएँगी....अर्थात आप सभी लोग सपरिवार इटली शिफ्ट हो जाओगे ....पर मेरा क्या होगा ..मै कहाँ छिपूंगा जाके ..? :-( "
 
राउल हँसते हुए, "हा हा हा हाँ सो तो है ...वैसे इस सिचुएशन में एक कहावत फिट बैठती है ...!"
 
मौनमोहन, "कौन सी कहावत ...बाबा...कहो तो सही ..!"
 
राउल, "अरे वही कहावत...कि, 'धोबी का गधा ...घर का न घाट घाट का'!  "
 
मौनमोहन, " अरे बाबा कितना समझाया लेकिन आप बाते सभी गलत-सलत ही बोलते है....धोबी का गधा नहीं 'धोबी का कुत्ता...घर का न घाट घाट का !'...वास्तव में ...मै तो कहीं का नहीं रहूँगा तब अगर ऐसा हुआ तो :-( .. ...!!

Thursday, February 10, 2011

मुथालिक की मिस्त्र यात्रा

ओ हो आप पी मुथालिक है न ? नमस्कार जी ...!


हाँ मै हूँ ...जय श्री राम !


अरे हाँ जय श्री राम भाई साहब....कैसे है आप....और आप थे कहाँ ,,,,,काफी महीने हो गए आपको ....कोई खबर तक किसी चैनल पे नहीं आई ...??


आती कैसे ...मै यहाँ था ही कहाँ ..?

कहीं बाहर गए थे...?


हाँ जरा मिस्त्र गया था !


अरे मिस्त्र गए थे ..ओह तो अब समझा वहा इतनी उथल पुथल क्यूँ मची हुयी थी .....रोज प्रदर्शन की खबरें आ रही थी ...शायद आपको होस्नी मुबारक ने बुलाया होगा प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए ...अभी पिछले दिनों एक खबर तो थी कि कुछ सेकडे भर होस्नी समर्थक भीड़ प्रदर्शनकारियों से भिड रही है .....मै भी हैरत में था की इस समय जब पूरा मिस्त्र होस्नी के विरोध में था तो वहां होस्नी के समर्थक कहाँ से आ गए ...?


अरे नहीं भाई ...मै वहां अकेले गया था मेरे कार्यकर्त्ता मेरे साथ नहीं थे...हो सकता है कि ये कम "राज" का हो ...वो मुझे काहिरा में दिखा तो था ...शायद ..!


तो फिर आप वहां किस लिए गए थे .....इतनी मारकाट के बीच भाईसाहब ...?


मै तो वहां इसी मारकाट और प्रदर्शन के तरीके सीखने गया था....जिससे उन तरकीबों को अपने कार्यकर्ताओं को सिखा सकूँ और वो इनका उपयोग आने वाले वैलेंताईन डे पर कर सकें ...!!


सो तो है ही ....चलिए शुभकामनायें....आपको ...फिर मिलते है १४ फरवरी को ...!


कहाँ मिलेंगे ..?


टीवी पर और कहाँ ...आप दिखेंगे और हम देखेंगे...!!