Monday, August 11, 2014

कंचे

कुछ कंचे
आज भी मेरी,
मेज पे रक्खे है..
सिर्फ इसी इंतजार में !

कि जो बच्चा
कैद है सीने में,
कभी तो..
बाहर निकले.!

4 comments:

  1. दुनिया भर की माथापच्ची में बच्चा होने का ख्याल आ ही जाता है ...बचपन में लौटना यानी बेफिक्री ...
    बहुत सुन्दर

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  2. कंचे देख कर ललचा रहा है बच्चा ,उसे मुक्त करें तब तो ...!

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