राष्ट्र सर्वोपरि- तेरा वैभव अमर रहे माँ....हम दिन चार रहें ना रहें...!!
बहुत उम्दा।
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ..हैरान हूँ इतने समय से आपसे fb पर परिचित हूँ पर आपके ब्लॉग तक क्यूँ नहीं पहुंची । अपने लेखन को पढ़वाने का शुक्रिया ।
shandar prayashsudhirsinghmgwa@gmail.com
आपके आशीर्वचन हमारे लिए... विश्वाश मानिए हमे बहुत ताक़त मिलती आपकी टिप्पणियो से...!!
बहुत उम्दा।
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ ..हैरान हूँ इतने समय से आपसे fb पर परिचित हूँ पर आपके ब्लॉग तक क्यूँ नहीं पहुंची । अपने लेखन को पढ़वाने का शुक्रिया ।
ReplyDeleteshandar prayash
ReplyDeletesudhirsinghmgwa@gmail.com