वहां एक क्लास में
एक अध्यापक महोदय
पूछ रहे थे प्रश्न
पढाये हुए पाठ में से
अपने क्लास में उपस्थित छात्रों से
इसी क्रम में
उन अध्यापक महोदय ने
सामने बैठे एक छात्र से पूछा क़ि
बताओ बेटा एक और एक
होते है कितने..?
तब वह सामने बैठा छात्र
जो क़ि कई दिन से भूखा था
उसने तपाक से उत्तर दिया
क़ि
गुरु जी
एक और एक बराबर दो रोटियां....!!
एक अध्यापक महोदय
पूछ रहे थे प्रश्न
पढाये हुए पाठ में से
अपने क्लास में उपस्थित छात्रों से
इसी क्रम में
उन अध्यापक महोदय ने
सामने बैठे एक छात्र से पूछा क़ि
बताओ बेटा एक और एक
होते है कितने..?
तब वह सामने बैठा छात्र
जो क़ि कई दिन से भूखा था
उसने तपाक से उत्तर दिया
क़ि
गुरु जी
एक और एक बराबर दो रोटियां....!!
सानदार प्रस्तुती के लिऐ आपका आभार
ReplyDeleteसुप्रसिद्ध साहित्यकार व ब्लागर गिरीश पंकज जीइंटरव्यू पढेँ >>>>
एक बार अवश्य पढेँ
प्रयास जरी रखें...
ReplyDeleteशुभकामनाएं...
संवेदनशील रचना..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर!
ReplyDeleteबहत सुन्दर लेखन, देश और अपने लोगो के प्रति आप के महान भावों की जितनी सराहना की जाय वह कम है।
ReplyDeletesundar bhaw!
ReplyDeleteआपके जज्बे को सलाम करता हूँ।
ReplyDelete................
अपने ब्लॉग पर 8-10 विजि़टर्स हमेशा ऑनलाइन पाएँ।
marmik rachna.bahot sunder.
ReplyDeleteसभी महlनुभlवों का हौसला अफजाई के लिए हम हृदय की गहराई से आप सभी के अभारी है ...!!
ReplyDeleteकाश हम भी समझ पाते इन को।।।।
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