(१) पानी बरसा
महक उठी मिटटी
हरी हुयी धरा |
(२) शौर्य पर्याय
पूछ लिया बच्चे से
बोला भारत|
(३) कल फिर से
मर गया है भूखा
कहाँ है दानी?
(४) सूर्य निकला
फिर कमल खिले
धरा बौरायी|
(५) हुआ अँधेरा
धरा पे छाये व्योम
यादों पे जुल्फें |
(६) नेता आये
तोरण द्वार बंधे
बरसे वादे|
(७) बसंत आया
गुलशन महके
पंक्षी चहके|
(८) तन बिसरा
मन भी भूल गया
तू जब आया |
(९) रिक्शे वाले को
गाली दी सवारी ने
गुस्सा आया|
(१०) बोलो बोलो तो
अरे कुछ बोलो तो
बोला जाने दो |
akhir wali achhi hai
ReplyDeleteदो,तीन.छ: अच्छी लगी .....!!
ReplyDeletesundar rachna ...
ReplyDeletekeep writing..
gagar me sagar hai aapki rachnaaye
ReplyDeleteपसंद करने के लिए आप सभी का आभार..!!
ReplyDeleteshaury paryay
ReplyDeletepooch liya bachhe se
bola bharat.
....sabse achhi lagi yah vaali ..suchmuch hayi hai. hayi koo.
sundar likha hai!
ReplyDeleteshubhkamnayen!!!!